सरकार की (भारत टैक्सी) से हिल गया ओला-उबर का साम्राज्य ड्राइवरों की होगी दोगुनी कमाई

भारत टैक्सी: देश में टैक्सी सेवाओं की दुनिया अब बदलने जा रही है। जिस तरह ओला और उबर ने शहरों में सफर करने का तरीका बदला था, अब उसी मैदान में सरकार ने अपनी नई पहल के साथ कदम रखा है, (भारत टैक्सी) यह सिर्फ एक टैक्सी सेवा नहीं, बल्कि ड्राइवरों के अधिकार और आम यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखकर शुरू की गई एक क्रांतिकारी पहल है।

ड्राइवरों के लिए आज़ादी और सम्मान का नया रास्ता

पिछले कुछ सालों में ओला और उबर जैसी प्राइवेट टैक्सी कंपनियों को लेकर ड्राइवरों और यात्रियों दोनों की तरफ से शिकायतें बढ़ी हैं। ड्राइवरों को भारी कमीशन देना पड़ता था, हर सवारी से 20 से 25 प्रतिशत तक! इससे उनकी मेहनत की कमाई का बड़ा हिस्सा कंपनियों के पास चला जाता था। लेकिन अब सरकार की (भारत टैक्सी) योजना इस सिस्टम को पूरी तरह बदलने जा रही है।

यह टैक्सी सेवा सहकारी मॉडल पर आधारित होगी। यानी ड्राइवर यहां किसी कंपनी के कर्मचारी नहीं, बल्कि साझेदार होंगे। उन्हें किसी तरह का कमीशन नहीं देना होगा। बस मामूली सदस्यता शुल्क देकर वे इस नेटवर्क से जुड़ सकेंगे और अपनी कमाई का पूरा हक रख पाएंगे। अब कोई ऐप उन्हें जबरन राइड लेने या कैंसिलेशन पर जुर्माना देने के लिए मजबूर नहीं करेगा।

दिल्ली से शुरुआत फिर पूरे भारत में विस्तार

(भारत टैक्सी) का पायलट प्रोजेक्ट नवंबर 2025 से दिल्ली में शुरू किया जा रहा है। शुरुआती चरण में 650 टैक्सियां और उनके चालक इस योजना का हिस्सा बनेंगे। अगर यह प्रयोग सफल रहा, तो दिसंबर से इसे देशभर में लॉन्च किया जाएगा। मुंबई, पुणे, भोपाल, लखनऊ, जयपुर जैसे शहरों में इसे तेजी से लागू करने की तैयारी है।

सरकार का लक्ष्य है कि मार्च 2026 तक यह सेवा देश के बड़े महानगरों में मजबूती से स्थापित हो जाए और 2030 तक एक लाख से अधिक ड्राइवर इस प्लेटफॉर्म से जुड़ें। इससे न केवल शहरी इलाकों में, बल्कि छोटे कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में भी रोज़गार के नए अवसर बनेंगे।

ड्राइवरों की अपनी कंपनी बनेगी (भारत टैक्सी)

इस सेवा की सबसे खास बात यह है कि यह किसी निजी कंपनी की नहीं, बल्कि ड्राइवरों की अपनी टैक्सी कंपनी होगी। इसे सहकार टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेड नामक संस्था संचालित करेगी, जिसकी स्थापना जून 2025 में 300 करोड़ रुपये की शुरुआती पूंजी के साथ की गई थी।

हर ड्राइवर इस कंपनी का सदस्य होगा और उसके पास फैसले लेने का अधिकार भी रहेगा। यानी, अब कोई बाहरी मालिक नहीं यह सचमुच “ड्राइवरों की कंपनी, ड्राइवरों के लिए” बनेगी।

भारत टैक्सी का मोबाइल ऐप भी तैयार किया जा रहा है, जिसमें पारदर्शी किराया प्रणाली, रेटिंग फीचर और सरकारी निगरानी में सुरक्षा की पूरी व्यवस्था होगी। इससे यात्रियों को भी भरोसेमंद, सुरक्षित और सस्ती सवारी का विकल्प मिलेगा।

Disclaimer: यह लेख सार्वजनिक रूप से उपलब्ध सरकारी जानकारी और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसका उद्देश्य पाठकों को नई सरकारी पहल की जानकारी देना है, किसी भी संस्था या व्यक्ति के प्रति पक्षपात दिखाना नहीं।

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