Tesla का बड़ा झटका: दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी टेस्ला एक बार फिर सुर्खियों में है। कभी अपने इनोवेशन को लेकर तारीफें बटोरने वाली यह कंपनी अब सुरक्षा चिंताओं की वजह से सवालों के घेरे में आ गई है। दरअसल, अमेरिका में टेस्ला ने अपनी लगभग 13,000 कारों को वापस मंगाने का बड़ा फैसला लिया है। इस रिकॉल का कारण इतना गंभीर है कि ड्राइविंग के दौरान किसी बड़े हादसे का खतरा तक हो सकता था।
बैटरी कनेक्शन की खतरनाक खराबी
अमेरिकी सुरक्षा एजेंसी नेशनल हाईवे ट्रैफिक सेफ्टी एडमिनिस्ट्रेशन (NHTSA) ने जानकारी दी है कि टेस्ला ने कुल 12,963 वाहनों को रिकॉल किया है। इन गाड़ियों में बैटरी कनेक्शन से जुड़ी एक तकनीकी खराबी पाई गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस खराबी के कारण अचानक वाहन की ड्राइविंग पावर पूरी तरह से खत्म हो सकती है।
यानी, चलते-चलाते गाड़ी रुक सकती है या ड्राइवर का उस पर से कंट्रोल खत्म हो सकता है। सोचिए, हाइवे पर तेज रफ्तार में गाड़ी चल रही हो और अचानक उसका पावर खत्म हो जाए, नतीजा किसी भयानक हादसे से कम नहीं।
सिस्टम पर भी जांच
टेस्ला की पहचान उसके एडवांस फुल सेल्फ-ड्राइविंग (FSD) सिस्टम के लिए होती है, लेकिन अब यही फीचर कंपनी के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। NHTSA ने इस सिस्टम की सुरक्षा को लेकर गंभीर जांच शुरू की है। जांच एजेंसी का कहना है कि FSD सॉफ्टवेयर वाली गाड़ियां कभी-कभी लाल बत्ती पार कर जाती हैं या सामने से आ रहे ट्रैफिक की लेन में चली जाती हैं। यह न केवल ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन है, बल्कि लोगों की जान के लिए भी खतरा है।
लाखों गाड़ियों की जांच के घेरे में
जानकारी के मुताबिक, NHTSA की यह जांच करीब 29 लाख टेस्ला वाहनों को कवर करेगी जिनमें FSD सॉफ्टवेयर इंस्टॉल है। जांच का फोकस 58 ऐसी घटनाओं पर है जिनमें FSD सिस्टम की वजह से टक्करें या ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन हुआ। इन घटनाओं में 14 हादसे और 23 लोगों के घायल होने की पुष्टि हुई है।
कंपनी की प्रतिक्रिया
हालांकि, टेस्ला का कहना है कि वह इस समस्या को जल्द से जल्द ठीक करने पर काम कर रही है। कंपनी प्रभावित ग्राहकों से संपर्क कर रही है ताकि वाहनों की जांच और सॉफ्टवेयर अपडेट तुरंत किए जा सकें। टेस्ला ने भरोसा जताया है कि जल्द ही सभी गाड़ियां सुरक्षित रूप से सड़क पर लौट आएंगी।
भविष्य की तकनीक पर उठे सवाल
टेस्ला हमेशा से कहती आई है कि उसकी गाड़ियां भविष्य की तकनीक का उदाहरण हैं। लेकिन जब यही तकनीक ड्राइवर और यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डाल दे, तो सवाल उठना लाजमी है। सेल्फ-ड्राइविंग सिस्टम जिस भरोसे और सुविधा का वादा करता है, वही अब डर और चिंता का कारण बन गया है।
Disclaimer: यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी आधिकारिक रिपोर्टों और सार्वजनिक स्रोतों पर आधारित है। पाठकों से अनुरोध है कि किसी भी निर्णय से पहले कंपनी के आधिकारिक बयान या सर्विस सेंटर से पुष्टि अवश्य करें।
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